12 Mar 2025, Wed

बेंगलुरु और गुजरात के बाद महाराष्ट्र में HMPV नया वायरस की एंट्री, देश में अब तक कुल 7 मामले

HMPV VIRUS

महाराष्ट्र सरकार की स्वास्थ विभाग टीम वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर है. खांसी, बुखार और सारी नाम की बिमारी के मरीजों को विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया ह… और इसके लिए अभी से सारी तयारी कर नई पड़ेगी।

HMPV वायरस क्या है ?

HMPV (Human Metapneumovirus) एक वायरस है, जो मनुष्यों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। इसे 2001 में सबसे पहले खोजा गया था। यह वायरस, पैरामिक्सोवायरिडे (Paramyxoviridae) परिवार का सदस्य है, और इसके कारण होने वाले संक्रमण मुख्य रूप से सर्दी, खांसी, बुखार, और सांस की तकलीफ का रूप ले सकते हैं। HMPV बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में अधिक खतरनाक हो सकता है।

HMPV वायरस आया भारत मैं इन तीन राज्यो मैं।

बेंगलुरु और गुजरात में HMPV वायरस के मामले रिपोर्ट किए जाने के बाद अब महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी इसकी एंट्री हो गई है. सूबे के नागपुर में दो बच्चों की HMPV टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. शहर के रामदासपेठ स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में दो बच्चों को खांसी और बुखार के चलते इलाज के लिए हॉस्पिटल लाया था.

नागपुर में 3 जनवरी को निजी अस्पताल में 7 साल के बच्चे और 14 साल की बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इन दोनों बच्चों को खांसी और बुखार था. अब देश भर में HMPV के कुल सात मामले हो चुके हैं. महाराष्ट्र से पहले HMPV के दो केस बेंगलुरु में, एक अहमदाबाद में और दो चेन्नई में रिपोर्ट किए गए थे.

जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में पॉजिटिव पाए गए 7 और 14 साल के बच्चों को खांसी और बुखार की शिकायत थी, जिसके बाद उन वायरस के लिए परीक्षण किया गया. उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. अब आगे की जांच के लिए इनके सैंपल पुणे और AIIMS की लैब में भेजे गए है.

महाराष्ट्र सरकार की स्वास्थ विभाग टीम वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर है. खांसी, बुखार और सारी नाम की बिमारी के मरीजों को विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है. सरकार ने लोगो से अपील की है कि वो घबराए नहीं. स्वास्थ विभाग की तरफ से इस वायरस के संबंध में जल्द ही गाईडलाइंस जारी की जाने वाली है.

HMPV के लक्षण :

HMPV के लक्षण सामान्यतः सांस की नली से संबंधित होते हैं। यह वायरस शरीर के श्वसन तंत्र में संक्रमण करता है और निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न कर सकता है:

  1. सर्दी और नजला (Cold and Nasal Congestion)
  2. गले में खराश (Sore throat)
  3. खांसी (Cough)
  4. बुखार (Fever)
  5. सांस में तकलीफ (Difficulty in Breathing)
  6. थकान (Fatigue)
  7. फेफड़ों में सूजन (Inflammation in the Lungs)

कभी-कभी, HMPV निमोनिया (Pneumonia), ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), या श्वसन विफलता (Respiratory Failure) जैसी गंभीर स्थितियों का कारण भी बन सकता है, खासकर छोटे बच्चों, वृद्ध व्यक्तियों और उन लोगों में जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो।

HMPV का प्रसार (Transmission)

HMPV आमतौर पर तब फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, जिससे वायरस हवा में फैलता है। यह वायरस अन्य व्यक्ति द्वारा श्वास के द्वारा या संक्रमित सतहों को छूने से भी फैल सकता है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए नियमित हाथ धोना और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

HMPV का इलाज

अभी तक HMPV के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है। हालांकि, लक्षणों का इलाज किया जा सकता है:

  1. वायरल संक्रमण से राहत के लिए दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवाएं (जैसे पेरासिटामोल)।
  2. सर्दी और नजला के लिए नाक की दवाएं (Decongestants)।
  3. तरल पदार्थों का अधिक सेवन ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
  4. हवा में नमी बनाए रखना (ह्यूमिडिफायर का उपयोग) ताकि श्वसन में आराम मिले।

गंभीर मामलों में, यदि व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो रही हो, तो उसे अस्पताल में भर्ती कर के अधिक तीव्र उपचार दिया जा सकता है, जैसे कि ऑक्सीजन थेरेपी या वेंटिलेटर सहायता।

HMPV से बचाव

HMPV से बचाव के लिए कुछ सामान्य कदम हैं:

  1. हाथ धोने की आदत डालें – नियमित रूप से हाथ धोने से वायरस के फैलाव को कम किया जा सकता है।
  2. सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें – खासकर उन स्थानों पर जहां भीड़ हो।
  3. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें – जिनके पास सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण हों।
  4. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं – अच्छी आहार, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
  5. वेंटिलेशन में सुधार करें – घर और कार्यालय में सही वेंटिलेशन से हवा का प्रवाह सुनिश्चित करें, जिससे वायरस के फैलने की संभावना कम हो।

HMPV का सीजनल प्रभाव

HMPV अधिकतर सर्दियों और वसंत के महीनों में सक्रिय होता है। यह श्वसन संक्रमण के कारण पूरे विश्व में कई स्थानों पर महामारी का रूप ले सकता है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह वायरस अधिक खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली उतनी मजबूत नहीं होती है।

HMPV और COVID-19

HMPV और COVID-19 दोनों वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं, लेकिन वे अलग-अलग वायरस हैं। इन दोनों वायरस के लक्षण समान हो सकते हैं, जैसे खांसी, बुखार, और सांस लेने में समस्या, लेकिन COVID-19 के मुकाबले HMPV कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। हालांकि, COVID-19 के साथ HMPV का संक्रमण भी हो सकता है, जो बीमारी को और जटिल बना सकता है।

निष्कर्ष

HMPV एक वायरल श्वसन संक्रमण है, जो सर्दी, खांसी, बुखार, और सांस लेने में समस्या जैसी परेशानियाँ उत्पन्न कर सकता है। इसका प्रसार श्वसन की बूंदों के जरिए होता है, और यह विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों में गंभीर हो सकता है। इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। बचाव के लिए स्वच्छता बनाए रखना, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है।

By NEWS

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