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टैक्स से हेरन हुए मिडिल क्लास आदमी। आयें कुछ नये कर नियम जिस से होगा मध्यम वर्ग का आदमी दुखी।

सनीवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक.मैं हूं कुछ नया या चौंकाने वाली जीएसटी खबर।
“क्या जीएसटी से होगा आम आदमी परेशान”। जीएसटी के आये कुछ नये नियम। अब किस चीज पर कितना कितना लगेगा जीएसटी आई देखते हैं:

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बैठक के दौरान कई चीजों पर GST रेट्स बढ़ाया गया तो वहीं कुछ चीजों पर GST रेट कम करे |

(1) पॉपकॉर्न :

नई दिल्ली: थिएटर में मूवी देखते हुए पॉपकॉर्न खाना अक्सर लोग पसंद करते हैं, जबकि ये बाहर की तुलना में काफी महंगा होता है. लेकिन अब इसे खरीदना और महंगा साबित हो सकता है. दरअसल 21 दिसंबर 2024 को राजस्थान के जैसलमेर शहर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर अलग-अलग तरह के टैक्स लगाने का फैसला लिया गया है.

अब पॉपकॉर्न की कीमतें इसके फ्लेवर और पैकेजिंग के हिसाब से तय होंगी. इस बैठक में पॉपकॉर्न पर लगने वाले टैक्स (Popcorn GST) पर एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है.

इस स्पष्टीकरण के मुताबिक, रेडी- टू- ईट पॉपकॉर्न पर 5% टैक्स लगेगा, प्री-पैकेज्ड पॉपकॉर्न पर 12% GST लगेगा और कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18% GST (GST on Caramel Popcorn) लगेगा. विभाग का मानना है कि इस वर्गीकरण से पॉपकॉर्न प्रोडक्ट पर टैक्स लायबिलिटी को लेकर लोगों के बीच कन्फ्यूजन खत्म हो जाएगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  बैठक के बाद कहा, ”हमने कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न पर काफी चर्चा की. सभी राज्य इस बात पर सहमत हुए कि एडेड शुगर वाली वस्तुओं को एक अलग कर दायरे में रखा जाए.  जैसे फिलहाल नमकीन स्नैक्स पर 12% टैक्स लगता है, जबकि स्वीट स्नैक्स समेत कन्फेक्शनरी आइटम (confectionery items) पर 18% टैक्स लगता है. पॉपकॉर्न पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया जा रहा है; यह स्पष्टीकरण केवल ज्यादा सटीक दिशानिर्देश के लिए है. ”

सरकारी स्पष्टीकरण से यह साफ है कि नमकीन और बटर पॉपकॉर्न कर खुला बेचने पर उस पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा, लेकिन यही पैक करके बेचने पर इस 12 फीसदी टैक्स लगेगा और जब पॉपकॉर्न को चीनी के साथ मिक्स (added sugar) किया जाएगा तो GST 18 फीसदी हो जाएगा. लेकिन लोगों में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि कैरेमल पॉपकॉर्न (Caramelised popcorn) को खुला बेचा जाएगा तो क्या उस पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा या तब भी उस पर 18 फीसदी टैक्स देना होगा.

 

 

कुछ सिनेमाघरों के मालिकों को लगता है नई जीएसटी दरों से सिनेमाघरों में बेचे जाने वाले पॉपकॉर्न के टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं होगा क्योंकि वो खुले पॉपकॉर्न बेचते हैं, जिस पर पहले भी 5 फीसदी टैक्स था और अब भी इतना ही है. नई जीएसटी दरें किराने की दुकानों में बेचे जाने वाले पैक्ड/टिन पॉपकॉर्न के लिए हैं.

वहीं कुछ का कहना पॉपकॉर्न को खुले में बेचने पर भी कैरेमल पॉपकॉर्न पर ज्यादा टैक्स देना होगा. क्योंकि कैरेमलाइज्ड होने पर यह पॉपकॉर्न नहीं रह जाता है, फिर यह एक कन्फेक्शनरी (sweet) बन जाता है, जिस पर ज्यागा GST लगेगा और यह सिनेमाघरों में बिकने वाले पॉपकॉर्न पर भी लागू होगा. यानी इस हिसाब से सिनेमाघरों में बिकने वाला कैरेमल पॉपकॉर्न भी महंगा हो जाएगा.

 

(2)   पुरानी कार :

 

 

पुराने और इस्तेमाल किए गए वाहनों  बिक्री पर अब 18% GST लागू होगी।

मुख्या पॉइंट्स :

(1) GST किसको देना पड़ेगा ?

(2) GST दर :

उदाहरणों से समजते है :

उदाहरण 1:   यदि आप एक आदमी के रूप में ₹12 लाख की कार खरीदते हैं, 2-3 साल इस्तेमाल करने के बाद ₹8 लाख में किसी और व्यक्ति को बेचते हैं, तो इस पर कोई GST लागू नहीं होगा। इस बिक्री मूल्य पर कोई GST लागू नहीं होगा।

उदाहरण 2:   यदि आप ₹12 लाख की कार 2-3 साल इस्तेमाल करने के बाद ₹8 लाख में किसी पुराने वाहन डीलर को बेचते हैं, तो आप पर कोई GST लागू नहीं होगा। यहां कोई GST लागू नहीं होगा।

उदाहरण 3: जब डीलर उस कार को ₹9 लाख में बेचता है, तो GST केवल डीलर के ₹1 लाख के मार्जिन पर लागू होगा। ₹1 लाख के मार्जिन पर 18% GST यानी ₹18,000 होगी। डीलर के ₹1 लाख के मुनाफे पर 18% GST लागू होगा, यानी ₹18,000 का टैक्स।

यह प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि GST कर केवल व्यवसाय द्वारा किए गए मुनाफे पर लागू होगा। यह व्यक्तिगत खरीद और बिक्री पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डालता है। केवल रजिस्टर्ड विक्रेता या डीलर ही पुराने वाहनों की बिक्री पर अपने मार्जिन पर GST का भुगतान करेंगे।

व्यक्ति-से-व्यक्ति बिक्री पर कोई GST लागू नहीं होता। केवल डीलर के मार्जिन पर 18% GST (सेवा के रूप में) लागू होती है| डीलर के मुनाफे पर 18% GST लागू होगा ।

पुराने और इस्तेमाल किए गए वाहनों की बिक्री पर जीएसटी से जुड़े नियमों को समझना आवश्यक है, खासकर यदि आप इस क्षेत्र में व्यवसाय करते हैं या व्यक्तिगत रूप से वाहन खरीदते या बेचते हैं।

 

जीएसटी केवल पंजीकृत विक्रेताओं के मार्जिन पर लागू होता है।

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